(ये लिखावट मेरी खुदकी हे ...अर्थात निमेश मांडलिया ) में ये संदेस मेरे उन राह भटके मित्रो को कह रहा हु जो ..कोई भी वस्तु के मोह में आके योग्य निर्णय करने की जगह ..त्वरित गलत निर्णय ले के .. गलत कार्य कर बैठते हे...भगवान ने हमे मनुष्य जीवन मोज मस्ती के लिए नही दिया हे.. .. > (अगर आप एसा सोचते हे तो आप में और किसी जानवर में कोई अंतर नही हे .. आप भी पसु भाति ही हे.. ) मनुष्य जीवन हमे ज्ञान प्राप्ति करने के लिए और कर्म और भक्ति करने के लिए दिया गया हे.. ..
लोगो की जरूरियाते जरूरत से ज्यादा हो तो उसके जीवन मोल घटता हे ..जीवन पतन होता हे..
इसलिए दोस्तों किसी चीज के पीछे इतना मत भागो के जीवन का ही नास कर दे ..
लोगो की जरूरियाते जरूरत से ज्यादा हो तो उसके जीवन मोल घटता हे ..जीवन पतन होता हे..
इसलिए दोस्तों किसी चीज के पीछे इतना मत भागो के जीवन का ही नास कर दे ..
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